आरती करूँ गुरुदेव तुम्हारी
सतगुरु श्याम सर्व संतों की
जय गुरुदेव जय गुरुदेवा, जय गुरुदेवा … ।। 1 ।।

पहली आरती धवल वासक की
कच्छ-मच्छ कूर्म सात सागर की
जय गुरुदेव जय गुरुदेवा, जय गुरुदेवा …
आरती करूँ गुरुदेव तुम्हारी
सतगुरु श्याम सर्व संतों की
जय गुरुदेव जय गुरुदेवा, जय गुरुदेवा … ।। 2 ।।

दूसरी आरती धरण गगन की
शशि और भानु तारामंडल की
जय गुरुदेव जय गुरुदेवा, जय गुरुदेवा …
आरती करूँ गुरुदेव तुम्हारी
सतगुरु श्याम सर्व संतों की
जय गुरुदेव जय गुरुदेवा, जय गुरुदेवा …  ।। 3 ।।

तीसरी आरती ब्रह्मा विष्णु शिव की
दस अवतार चार वेदों की
जय गुरुदेव जय गुरुदेवा, जय गुरुदेवा …
आरती करूँ गुरुदेव तुम्हारी
सतगुरु श्याम सर्व संतों की
जय गुरुदेव जय गुरुदेवा, जय गुरुदेवा … ।। 4 ।।

अखंड आरती सकल मनाऊँ
चौथी आरती सकल मनाऊँ ,
सकल मनाऊँ सर्व मनाऊँ
कहे नवलो जी गुरु चरणों में रेऊँ
केवे नवलो जी गुरु शरण में रेऊँ ।
आरती करूँ गुरुदेव तुम्हारी
सतगुरु श्याम सर्व संतों की
जय गुरुदेव जय गुरुदेवा, जय गुरुदेवा … || 5 ||