| क्र. सं. | आरती |
| 1 | आरती करूँ गुरुदेव तुम्हारी... सतगुरु श्याम सर्व संतों की.... |
| 2 | आनन्द मंगल करूँ मैं आरती ... हरी गुरु संतों री सेवा .... वाला |
| 3 | हर हर हर हर, हर होवे आरती .... जय जय बोलो बाबा सारी आलम की |
| 4 | नाथ निरंजन आरती साजे .... सतगुरु शब्दों से झालर बाजे .... |
| 5 | पिछम धराँ सु म्हारा पीर जी पधारया ... घर अजमल अवतार लियो ... |
| 6 | आरती उतारूँ मैया रक्षा करने वाली माँ ... आरती पधारो काली कलकत्ते वाली माँ ... |
| 7 | ॐ जय अम्बे गौरी .... मैया जय श्यामा गौरी .... |
| 8 | ॐ जय लक्ष्मी रमणा ... स्वामी जय लक्ष्मी रमणा ... |